रक्षा मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया
डीआरडीओ को प्रस्ताव
डीआरडीओ के वैज्ञानिक 2015 से इन मिसाइलों को बना रहे हैं
भारत के रक्षा मंत्रालय ने चीन और पाकिस्तान के बीच तनाव के मद्देनजर उन्नत
मिसाइलें खरीदने का फैसला किया है। इससे पहले उच्चतम स्तर की बैठक में 120
परलाई मिसाइलों की खरीद को मंजूरी दी गई। DRDO की स्व-निर्मित मिसाइलों की
रेंज 100 किमी है। से 500 किमी रक्षा विभाग के सूत्रों ने कहा कि यह तक होगा
हमारे दोनों चचेरे भाई देशों चीन और पाकिस्तान के पास बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता
है। हाल ही में चीन की ओर से घुसपैठ की कोशिशें ज्यादा हुई हैं। इसी क्रम में
रक्षा विभाग ने प्रलय मिसाइलों को दोनों देशों की सीमाओं पर तैनात करने का
निर्णय लिया है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन मिसाइलों को दुश्मन
देशों से हमारे देश की ओर इंटरसेप्ट किया जा सकता है। 2015 में, भारत के रक्षा
अनुसंधान और विकास संगठन ने इन प्रलय मिसाइलों को विकसित किया। सतह से सतह पर
मार करने वाली ये मिसाइलें दुश्मनों के लिए सीमाओं को अभेद्य बनाती हैं। इन
मिसाइलों में दुश्मन देशों द्वारा लॉन्च की गई मिसाइलों को मार गिराने की
कोशिश में जरूरत पड़ने पर मध्य हवा में दिशा बदलने की क्षमता होती है। डीआरडीओ
के सूत्रों ने बताया कि इन प्रलय मिसाइलों को मिसाइल गाइडेंस सिस्टम समेत
उन्नत तकनीक से तैयार किया गया है। इस बीच, पिछले साल इन मिसाइलों का परीक्षण
करने वाले सेना के सूत्रों ने संतोष जताया।