क्या भारतीय सिनेमा के प्रति वैश्विक दर्शकों के दृष्टिकोण में कोई बदलाव आया
है? फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने इस सवाल का जवाब दिया। एक नए इंटरव्यू में
उन्होंने कहा.. ‘किसी भी तरह की वास्तविकता का मूल पर प्रभाव पड़ता है।’
अनुराग ने कहा कि मुख्यधारा की हिंदी फिल्मों का ‘मूल होना बंद’ हो गया है।
फिल्ममेकर अनुराग ने एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर की भी तारीफ की। अनुराग ने
फिल्म के गाने नटू नटू के बारे में बात करते हुए कहा कि इसे रिकॉर्ड करना बहुत
मुश्किल था। राजामौली की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के गाने की
शूटिंग के लिए ‘दृष्टि, साहस और स्टील की नसों’ की आवश्यकता होती है। नटू नटू
को 95वें अकादमी पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ मूल गीत श्रेणी में नामित किया गया
था। अनुराग ने कहा, अगर ‘वेस्ट’ ने राजामौली की ईगा (2012) देखी होती, तो
उन्होंने ‘पहले बहुत से सेलिब्रेशन’ किए होते।
अनुराग कहते हैं, “उन्हें लंबे समय से भारत की फिल्में पसंद हैं। लेकिन
उन्हें एक तरह का सिनेमा पसंद है। एक जमाने में दुनिया भर में भारतीय फिल्में
रिलीज होती थीं। आवारा, डिस्को डांसर… हर कोई जिमी जिमी गा रहा था। तुम
अफ्रीका जाओ, तुम अरब देशों में जाइए, भारत की मुख्यधारा बहुत बड़ी है.. असर
पड़ा. कहीं न कहीं हमारी मुख्यधारा में हम मूल होना ही छोड़ गए.’ इंटरव्यू में
कहा।
है? फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने इस सवाल का जवाब दिया। एक नए इंटरव्यू में
उन्होंने कहा.. ‘किसी भी तरह की वास्तविकता का मूल पर प्रभाव पड़ता है।’
अनुराग ने कहा कि मुख्यधारा की हिंदी फिल्मों का ‘मूल होना बंद’ हो गया है।
फिल्ममेकर अनुराग ने एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर की भी तारीफ की। अनुराग ने
फिल्म के गाने नटू नटू के बारे में बात करते हुए कहा कि इसे रिकॉर्ड करना बहुत
मुश्किल था। राजामौली की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के गाने की
शूटिंग के लिए ‘दृष्टि, साहस और स्टील की नसों’ की आवश्यकता होती है। नटू नटू
को 95वें अकादमी पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ मूल गीत श्रेणी में नामित किया गया
था। अनुराग ने कहा, अगर ‘वेस्ट’ ने राजामौली की ईगा (2012) देखी होती, तो
उन्होंने ‘पहले बहुत से सेलिब्रेशन’ किए होते।
अनुराग कहते हैं, “उन्हें लंबे समय से भारत की फिल्में पसंद हैं। लेकिन
उन्हें एक तरह का सिनेमा पसंद है। एक जमाने में दुनिया भर में भारतीय फिल्में
रिलीज होती थीं। आवारा, डिस्को डांसर… हर कोई जिमी जिमी गा रहा था। तुम
अफ्रीका जाओ, तुम अरब देशों में जाइए, भारत की मुख्यधारा बहुत बड़ी है.. असर
पड़ा. कहीं न कहीं हमारी मुख्यधारा में हम मूल होना ही छोड़ गए.’ इंटरव्यू में
कहा।