चुनौती बन रही है, एक नए अध्ययन से पता चलता है। इसका उद्देश्य युवाओं को
वैपिंग से होने वाले नुकसान से बचाना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च स्तर
की शिक्षा वाले लोगों में बलात्कार की संभावना अधिक होती है। द जॉर्ज
इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन का उद्देश्य
“शिक्षित युवाओं के ई-सिगरेट से संबंधित व्यवहार, व्यवहार और विभिन्न ई-सिगरेट
नियंत्रण नीतियों के लिए उनके समर्थन की जांच करना है।”
निष्कर्ष जर्नल प्रिवेंटिव मेडिसिन रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुए थे। यह
अध्ययन करने वाले युवा वयस्कों में दैनिक वापिंग का कम प्रचलन पाया गया। इस
समूह में तम्बाकू का उपयोग ई-सिगरेट के उपयोग से दृढ़ता से जुड़ा हुआ था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, लगभग 27% भारतीय आबादी
किसी न किसी रूप में तम्बाकू का उपयोग करती है। भारत अपनी विशाल आबादी के कारण
दुनिया का सबसे बड़ा तंबाकू बाजार है। मालूम हो कि भारत उन देशों में शामिल
है, जिन्होंने ई-सिगरेट की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।
शोधकर्ताओं ने जनसांख्यिकीय विशेषताओं, ई-सिगरेट और तंबाकू के उपयोग के आधार
पर 840 शिक्षित युवा वयस्कों का सर्वेक्षण किया। विश्लेषण से पता चला कि उनमें
से 23 प्रतिशत ने ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया, 70 प्रतिशत ने तंबाकू का
इस्तेमाल किया और 8 प्रतिशत ने ई-सिगरेट और तंबाकू दोनों के दोहरे उपयोगकर्ता
होने की सूचना दी।