थायरॉक्सिन हार्मोन में उतार-चढ़ाव बढ़ने से थायराइड की समस्या को योग आसनों
से नियंत्रित किया जा सकता है। थायराइड हार्मोन शरीर में महत्वपूर्ण कार्य
करता है जैसे चयापचय दर, हृदय क्रिया, पाचन क्रिया, मस्तिष्क का विकास,
हड्डियों का स्वास्थ्य आदि। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड की
समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। माना जाता है कि तनावपूर्ण जीवनशैली थायराइड
विकारों के मुख्य कारणों में से एक है। हालांकि थायराइड छोटा है, यह शरीर के
समुचित कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह महिलाओं के एंडोक्राइन
सिस्टम को प्रभावित करता है, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओडी) नामक एक
विकार जिसके कारण अंडाशय में कई छोटे सिस्ट बन जाते हैं। नियमित योग करने से
थायराइड के नकारात्मक प्रभावों को रोकने में काफी मदद मिलती है। सिंहासनासन से
थायराइड की समस्या से बचा जा सकता है। लेकिन इसके लिए विशेषज्ञों की सलाह
मानने की जरूरत है।
से नियंत्रित किया जा सकता है। थायराइड हार्मोन शरीर में महत्वपूर्ण कार्य
करता है जैसे चयापचय दर, हृदय क्रिया, पाचन क्रिया, मस्तिष्क का विकास,
हड्डियों का स्वास्थ्य आदि। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड की
समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। माना जाता है कि तनावपूर्ण जीवनशैली थायराइड
विकारों के मुख्य कारणों में से एक है। हालांकि थायराइड छोटा है, यह शरीर के
समुचित कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह महिलाओं के एंडोक्राइन
सिस्टम को प्रभावित करता है, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओडी) नामक एक
विकार जिसके कारण अंडाशय में कई छोटे सिस्ट बन जाते हैं। नियमित योग करने से
थायराइड के नकारात्मक प्रभावों को रोकने में काफी मदद मिलती है। सिंहासनासन से
थायराइड की समस्या से बचा जा सकता है। लेकिन इसके लिए विशेषज्ञों की सलाह
मानने की जरूरत है।