अफगानिस्तान में तालिबान की अराजकता जारी है। लड़कियों और महिलाओं पर पहले से
पाबंदियां लगाने वाले तालिबान भी शरिया लागू कर रहे हैं। इस क्रम में कुछ
मामलों में दोषी पाए जाने वालों को सार्वजनिक सजा दी गई।
अफगानिस्तान में तालिबान के शासन में आए दिन महिलाओं के उत्पीड़न की घटनाएं
सामने आती रहती हैं। यह हाल ही में पता चला है कि विभिन्न अपराधों के सिलसिले
में महिलाओं सहित कुल 19 लोगों को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे गए थे। इस
मामले का खुलासा वहां के अधिकारी ने किया। तालिबान ने दावा किया कि सजा शरिया
के अनुसार दी गई थी।
अधिकारी अब्दुल रहीम रशीद ने खुलासा किया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के ताखर
प्रांत के तालुखान शहर में 19 लोगों को कोड़े मारे गए, जिनमें से 10 पुरुष थे
और नौ महिलाएं थीं। 11 नवंबर को धार्मिक नेताओं, पढ़े-लिखे लोगों और स्थानीय
लोगों की मौजूदगी में इस सजा को अंजाम दिया गया। गौरतलब है कि यह पहली बार है
जब तालिबान ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि पिछले साल अगस्त में
अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद उसे कोड़े मारकर सजा दी गई है।1990 के दशक
में अफगान नागरिकों के खिलाफ अपनी शान दिखाने वाला तालिबान अक्सर जिन लोगों को
अदालत में सजा सुनाई गई है, उन्हें सार्वजनिक रूप से फांसी दें, उन्हें कोड़े
मारने और पत्थर मारने की सजा दें। पिछले साल अमेरिका द्वारा अपनी सेना वापस
बुलाने के बाद से तालिबान ने इस क्षेत्र पर फिर से कब्जा कर लिया है। उन्होंने
यह गारंटी देने की कोशिश की कि महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा की
जाएगी। लेकिन.. वे लड़कियों की शिक्षा और महिला कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाते
रहते हैं। खुलासा हुआ है कि हाल ही में शरिया कानून लागू किए जा रहे हैं।
अफगानिस्तान में हो रही तालिबान की अराजकता का अंतरराष्ट्रीय समुदाय में कड़ा
विरोध हो रहा है।
पाबंदियां लगाने वाले तालिबान भी शरिया लागू कर रहे हैं। इस क्रम में कुछ
मामलों में दोषी पाए जाने वालों को सार्वजनिक सजा दी गई।
अफगानिस्तान में तालिबान के शासन में आए दिन महिलाओं के उत्पीड़न की घटनाएं
सामने आती रहती हैं। यह हाल ही में पता चला है कि विभिन्न अपराधों के सिलसिले
में महिलाओं सहित कुल 19 लोगों को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे गए थे। इस
मामले का खुलासा वहां के अधिकारी ने किया। तालिबान ने दावा किया कि सजा शरिया
के अनुसार दी गई थी।
अधिकारी अब्दुल रहीम रशीद ने खुलासा किया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के ताखर
प्रांत के तालुखान शहर में 19 लोगों को कोड़े मारे गए, जिनमें से 10 पुरुष थे
और नौ महिलाएं थीं। 11 नवंबर को धार्मिक नेताओं, पढ़े-लिखे लोगों और स्थानीय
लोगों की मौजूदगी में इस सजा को अंजाम दिया गया। गौरतलब है कि यह पहली बार है
जब तालिबान ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि पिछले साल अगस्त में
अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद उसे कोड़े मारकर सजा दी गई है।1990 के दशक
में अफगान नागरिकों के खिलाफ अपनी शान दिखाने वाला तालिबान अक्सर जिन लोगों को
अदालत में सजा सुनाई गई है, उन्हें सार्वजनिक रूप से फांसी दें, उन्हें कोड़े
मारने और पत्थर मारने की सजा दें। पिछले साल अमेरिका द्वारा अपनी सेना वापस
बुलाने के बाद से तालिबान ने इस क्षेत्र पर फिर से कब्जा कर लिया है। उन्होंने
यह गारंटी देने की कोशिश की कि महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा की
जाएगी। लेकिन.. वे लड़कियों की शिक्षा और महिला कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाते
रहते हैं। खुलासा हुआ है कि हाल ही में शरिया कानून लागू किए जा रहे हैं।
अफगानिस्तान में हो रही तालिबान की अराजकता का अंतरराष्ट्रीय समुदाय में कड़ा
विरोध हो रहा है।