नीतू घनघास और सविती बूरा ने बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में भारत के लिए
स्वर्ण पदक जीता। 48 किग्रा वर्ग के फाइनल मुकाबले में भारत की मुक्केबाज नीतू
घनघास ने मंगोलिया की लुत्सेखान अल्तांतसेग को 5-0 से हराकर भारत को स्वर्ण
पदक दिलाया। उसके बाद सावित्री बूरा ने चीन की वांग लीना के खिलाफ 81 किग्रा
वर्ग का फाइनल मैच जीतकर भारत को महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में दूसरा
स्वर्ण पदक दिलाया।
स्वर्ण पदक जीता। 48 किग्रा वर्ग के फाइनल मुकाबले में भारत की मुक्केबाज नीतू
घनघास ने मंगोलिया की लुत्सेखान अल्तांतसेग को 5-0 से हराकर भारत को स्वर्ण
पदक दिलाया। उसके बाद सावित्री बूरा ने चीन की वांग लीना के खिलाफ 81 किग्रा
वर्ग का फाइनल मैच जीतकर भारत को महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में दूसरा
स्वर्ण पदक दिलाया।
हालांकि 48 किग्रा वर्ग में नीतू घनघास का मुकाबला मंगोलियाई मुक्केबाज
लुत्साइखान के खिलाफ एकतरफा युद्ध की तरह लग रहा था, लेकिन 81 किग्रा वर्ग में
साविटी बूरा और वांग लीना के बीच बॉक्सिंग मुकाबला कड़ा रहा। अंत में सविटी
बूरा ने थोड़ी बढ़त लेते हुए इस रोमांचक मुकाबले में 4-3 से जीत दर्ज की। भले
ही अंत तक जीत दोनों के बीच ही रही.. बूरा के बॉक्सिंग पंच के आगे वांग लीना
को झुकना पड़ा।
नीतू घंघा महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप टूर्नामेंट के इतिहास में स्वर्ण
पदक जीतने वाली छठी भारतीय महिला बनीं। इस टूर्नामेंट में कुल मिलाकर भारत ने
दो अलग-अलग वर्ग में दो गोल्ड मेडल जीते।